यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए किए जाने वाले पेमेंट ने जुलाई में नया रिकॉर्ड बनाया है। इसके जरिए कुल 149 करोड़ का लेन-देन किया गया है। इस लेन-देन की कुल वैल्यू 2.91 लाख करोड़ रुपए रही है। अब तक का यह सबसे ज्यादा वैल्यू इसके जरिए हुआ है।
जून 2020 में 2.61 लाख करोड़ रुपए का हुआ था लेन-देन
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले 134 करोड़ लेन-देन किए गए थे। यह लेन-देन जून 2020 में हुआ था। उस समय इसकी कुल वैल्यू 2.61 लाख करोड़ रुपए थी। लेकिन जुलाई में इसने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जुलाई 2019 में यह आंकड़ा 82.23 करोड़ था और इसकी वैल्यू 1.46 लाख करोड़ रुपए थी। उसकी तुलना में जुलाई 2020 में इसमें वैल्यू में दोगुना से भी ज्यादा बढ़त हुई है। यह आंकड़ा 2.91 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।
इस साल अप्रैल-जुलाई में 6.31 लाख करोड़ रुपए का हुआ ट्रांजेक्शन
वित्त वर्ष 2020-21 के अप्रैल-जुलाई में यूपीआई से लेन-देन की संख्या 631 करोड़ रही है। इसकी कुल वैल्यू 6.31 लाख करोड़ रुपए रही है। हर महीने औसतन 2 लाख करोड़ से ज्यादा की वैल्यू रही है जबकि 200 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 की बात करें तो पूरे साल के दौरान यूपीआई से लेन-देन की संख्या 1,252 करोड़ रही है। इसकी कुल वैल्यू 21.32 लाख करोड़ रुपए रही है।एनपीसीआई की स्थापना 2008 में की गई थी।
यह देश में रिटेल पेमेंट्स और सेटलमेंट सिस्टम का काम करता है। यह रूपे कार्ड, आईएमपीएस, यूपीआई, भारत इंटरफेस फार मनी (भीम), आधार, एनईटीसी और भारत बिल पे के रूप में काम करता है।
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