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कोरोनाकाल में गूगल के ‘नूगलर्स’ की उत्पादकता घटी, 62% कर्मी हर हफ्ते ऑफिस आकर कुछ दिन काम करना चाहते हैं

कोरोनाकाल में गूगल के ‘नूगलर्स’ की उत्पादकता सबसे ज्यादा घटी है। गूगल में नए कर्मचारियों को नूगलर्स के नाम से जाना जाता है। जुलाई में गूगल के आंतरिक सर्वे में उत्पादकता घटने के तीन प्रमुख कारण सामने आए हैं। पहला- वर्क फ्रॉम होम के कारण सीनियर्स नए इंजीनियरों को अपने सामने काम नहीं सिखा पा रहे। दूसरा- घर पर उपलब्ध इंटरनेट की स्पीड अनियमित और कम होना और तीसरा- पहले की तुलना में कहीं ज्यादा वर्कलोड।

सर्वे के नतीजे के बाद अब माना जा रहा है कि सीईओ सुंदर पिचाई अब हाईब्रिड यानी मिले-जुले काम करने की प्रणाली काे अमल में लाएंगे। सर्वे के मुताबिक कंपनी के 62% कर्मचारी हर हफ्ते ऑफिस आकर कुछ दिन काम करना चाहते हैं, जबकि मात्र 10% कर्मचारियों ने कहा कि वे स्थाई तौर पर घर से काम करने के इच्छुक हैं।

जून तक के हुए सर्वे में पाया गया था कि कंपनी के 31% इंजीनियर ही उच्चस्तर की उत्पादकता दे पा रहे थे, जबकि मार्च में यह आंकड़ा 40% था। हालांकि, जुलाई के बाद किए गए सर्वे में उत्पादकता बढ़ी है। गूगल की प्रवक्ता केटी हचीसन ने सितंबर के सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि अब गूगल में इस विषय पर मंथन चल रहा है कि नए इंजीनियर पर काम का अत्यधिक भार नहीं होने पर भी उनकी उत्पादकता क्यों घटी। चर्चा का विषय ये भी है कि वर्क फ्रॉम होम से बड़े अधिकारियों से कोडिंग काे सीख न पाना नए इंजीनियरों की उत्पादकता घटा रहा है।

हाईब्रिड पॉलिसी यानी मिले-जुले काम की प्रणाली लागू की जाएगी

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने पिछले महीने ही घोषणा की थी कि गूगल अब हाईब्रिड यानी मिले-जुले काम करने की प्रणाली काे अमल में लाएगा। यानी, सभी ऑफिस से काम करें या सभी के पास ये विकल्प होगा कि वे जब चाहें तब ऑफिस आकर काम करें या फिर मन मुताबिक घर से ही काम करें। कोविड संक्रमण के खत्म होने की परिस्थिति में भी गूगल में यह हाईब्रिड पॉलिसी लागू रहेगी, जो ट्विटर, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट के नियमों की तुलना में कहीं ज्यादा कारगर सिद्ध होती दिखाई दे रही है।



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The productivity of Google's 'nouglers' decreased in the Coronasal, 62% of the workers want to come to office every week and work for a few days.


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