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टाटा समूह और शापुर पालनजी का 70 साल का रिश्ता खत्म, एस पी ग्रुप ने कहा अब बाहर निकलने का समय आ गया है, शेयरों के ट्रांसफर पर कोर्ट की रोक

शापुर पालन जी (एसपी ग्रुप) ने कहा है कि टाटा समूह से अलग होना अब जरूरी हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि संभावित लिटिगेशन से आजीविका और आर्थिक नुकसान हो सकता है। एक बयान जारी कर एसपी ग्रुप ने कहा कि बहुत ही भारी मन से मिस्त्री परिवार का मानना है कि सभी शेयर धारकों के हितों के लिए टाटा ग्रुप से अलग होना सही होगा। इस तरह से टाटा और एसपी ग्रुप का 70 साल पुराना रिश्ता खत्म होने के कगार पर आ गया है।

शापुर पालन जी ग्रुप ने जारी किया स्टेटमेंट

मिस्त्री ने कहा कि टाटा से अलग होकर हम 60 हजार कर्मचारियों और एक लाख प्रवासी मजदूरों की रक्षा कर पाएंगे। बयान में कहा गया है कि टाटा संस ने संकट में पैसे जुटाने के रास्ते को रोक दिया है। बयान के मुताबिक एसपी ग्रुप ने हमेशा वोटिंग राइट्स को एक शेयर धारक के रूप में यूज किया है जो टाटा समूह के हित में था। हमारा और टाटा का रिश्ता 70 साल पुराना है। यह आपसी विश्वास और दोस्ती पर बना था।

टाटा ने कहा खरीद सकते हैं हिस्सेदारी

शापुर पालन जी (एसपी ग्रुप) को अगर पैसे की जरूरत है और वे टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी बेचते हैं तो उसे हम खरीद सकते हैं। टाटा ग्रुप ने यह बात मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कही। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने शापुर पालन जी ग्रुप को झटका देते हुए टाटा संस के शेयरों के ट्रांसफर पर अगले 4 हफ्तों के लिए रोक लगा दी। एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी गिरवी रखने पर रोक लगाने के लिए 5 सितंबर को टाटा ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

जो शेयर पहले गिरवी रखे गए हैं उस पर कार्यवाही नहीं होगी

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जो शेयर पहले ही गिरवी रखे जा चुके हैं, उस पर कोई कार्यवाही नहीं होगी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी। शापुर ग्रुप की दो सब्सिडियरी साइरस इनवेस्टमेंट और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट की टाटा संस में कुल 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है। शापुर पालनजी ग्रुप टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाना चाहती थी। लेकिन, अब वो ये हिस्सेदारी किसी बाहरी कंपनी को नहीं बेच सकती है।

शापुर पालन जी को कर्ज चुकाने के लिए है पैसे की जरूरत

शापुर पालन जी ग्रुप को कर्ज चुकाने के लिए फंड की सख्त जरूरत है। ऐसे में उसके पास सिर्फ एक ही विकल्प है कि वह टाटा ग्रुप को अपनी हिस्सेदारी बेच दे। अगर शापुर पालन जी ग्रुप ऐसा करता है तो टाटा संस में मिस्त्री की कंपनियों की हिस्सेदारी कम होगी। बता दें कि शापुर पालन जी और टाटा ग्रुप में लंबे समय से अदालती लड़ाई चल रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को यह बात सामने आई है। टाटा समूह ने टाटा संस की बाकी हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट और ग्रुप की दूसरी कंपनियों के जरिए ली है।

साइरस इनवेस्टमेंट द्वारा गिरवी रखे गए शेयरों की वैल्यू 1.5 लाख करोड़

साइरस इनवेस्टमेंट ने शेयर गिरवी रखकर जो फंड जुटाया है उनके शेयरहोल्डिंग की मार्केट वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपए थी। टाटा संस की तरफ से हरीश साल्वे और अभिषेक मनु सिंघवी केस लड़ रहे हैं। इनकी दलील है कि अगर कोई शेयर बेचता है तो कंपनी के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (एओए) के तहत सबसे पहले शेयर खरीदने का अधिकार टाटा संस के पास होगा।

टाटा ग्रुप डाल रहा है अड़चन

मिस्त्री की कंपनियों के लिए सीनियर एडवोकेट सीए सुंदरम पैरवी कर रहे हैं। उनकी दलील है कि टाटा ग्रुप शेयर गिरवी रखने से रोकने के लिए अड़चन डाल रहा है जिससे कंपनी की मुश्किल बढ़ गई है। देश के सबसे बड़े औद्योगिक समूह टाटा ग्रुप और उसके सबसे बड़े माइनोरिटी स्टेकहोल्डर मिस्त्री परिवार के बीच शेयरों को लेकर पिछले एक साल से कानूनी विवाद चल रहा है।

2016 में साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया गया था

साइरस मिस्त्री को 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था। तभी से उनकी टाटा परिवार के साथ ठनी हुई है। टाटा समूह को लगता है कि एसपी ग्रुप अगर किसी और निवेशक को शेयर बेचता या गिरवी रखता है तो इससे आगे जोखिम हो सकता है। इससे ऐसे निवेशकों के हाथ शेयर लग सकते हैं जो आगे चलकर कंपनी के हितों के खिलाफ काम कर सकते हैं।



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देश के सबसे बड़े औद्योगिक समूह टाटा ग्रुप और उसके सबसे बड़े माइनोरिटी स्टेकहोल्डर मिस्त्री परिवार के बीच शेयरों को लेकर पिछले एक साल से कानूनी विवाद चल रहा है।


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