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मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी या नहीं, पहले ही बता देगा suPAR प्रोटीन; दुनिया की ऐसी पहली रिसर्च रिपोर्ट

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने ऐसे प्रोटीन को खोजा है जो बताता है कि कोरोना के कौन से मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी। प्रोटीन का नाम suPAR है। यह एक तरह का इंडिकेटर है जो बीमारी और संक्रमण की गंभीरता के बारे में कई जरूरी जानकारी देता है। इसकी खोज करने वाले अमेरिका के रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर का कहना है कि प्रोटीन की मदद से डॉक्टर पहले ही मरीजों को जरूरी इलाज दे पाएंगे ताकि उनकी स्थिति गंभीरन हो। इस तरह कोरोना संक्रमणसे हो रही मौतों का आंकड़ा कम किया जा सकेगा।

दुनिया की ऐसी पहली रिपोर्ट पेश की

रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. जोशेन रेसिर का कहना है कि यह दुनिया की पहली रिपोर्ट है जो बताती है कि कोरोना के रोगों में suPAR प्रोटीन का स्तर बढ़ा हुआ है। यह एक तरह से भविष्यवाणी है।

इम्यून सिस्टम का अहम हिस्सा

शोधकर्ताओं का कहना है यह प्रोटीन शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रेरित करता है और बीमारी की गंभीरता बढ़ने पर चेतावनी देता है। यह प्रोटीन यूरोकाइनेज प्लाजमिनोजन एक्टिवेटर रिसेप्टर है जिसे बोनमैरो सेल्स बनाती हैं और यह फेफड़ों में भी पाया जाता है।

ग्रीस और अमेरिका के कोरोना पीड़ितों में ज्यादाप्रोटीन

  • शोधकर्ताओं के मुताबिक, इससे पहले हुए अध्ययन में बताया गया था कि रक्त में प्रोटीन की अधिक मौजूदगी किडनी की गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ाती है।
  • नए शोध में वैज्ञानिकों ने अस्पताल में भर्ती कोरोना के 15 मरीजों की जांच की तो उनमें suPAR प्रोटीन का स्तर बढ़ा हुआ मिला।
  • जर्नल क्रिटिकल केयर में प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया कि ग्रीस में भी जब यूनिवर्सिटी ऑफ एथेंस मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों ने 57 कोरोना पीड़ितों की जांच की तो उनमें भी इस प्रोटीन का स्तर ज्यादा मिला।

ऐसे समझें इस प्रोटीन का फंडा

शोधकर्ताओं का कहना है कोरोना के ऐसे मरीज जिनमें यह प्रोटीन 5 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर या उससे कम मिला उनकी हालात नियंत्रित थी। वहीं ऐसे मरीज जिनमें यह प्रोटीन मानक से 18 से 85 फीसदी अधिक मिला उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत थी। प्लाज्मा में इस प्रोटीन का अधिक होना यानी मरीज को वेंटिलेटर की अधिक जरूरत है, यह बताता है।

यह भीपता चलेगा किमरीज को घर भेजें या नहीं

शोधकर्ता डॉ. जोशेन रेसिर के मुताबिक, हमने कोरोना पीड़ितों में अधिक प्रोटीन की मौजूदगी और सांस लेने में दिक्कत होने की एक कड़ी खोजी है। अगर कोविड-19 का इलाज करते समय इस प्रोटीन के स्तर को भी जांचा जाए तो यह समझा जा सकता है कि किस मरीज को कौन सेइलाज की जरूरत है औरकिसे घर भेजा जा सकता है।



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The suPAR protein will already tell whether Corona victims will need ventilators; American scientists discovered


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